II ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः।I
जय-जय राहु महाराज, जय-जय राहु महाराज।
सूर्य-चंद्र को ग्रसते, शक्ति प्रबल अपार।।
नाग रूप धर करते, तुम आकाश विचरण।
तुमसे ही ग्रहण होता, हो तुम काल के स्वामी।।
जय-जय राहु महाराज, जय-जय राहु महाराज।
दुष्ट ग्रह दोष मिटाते, संकट से उबारते।
राहु देव की कृपा से, सारे कष्ट कट जाते।।
जय-जय राहु महाराज, जय-जय राहु महाराज।
अधर्म से जो लड़ते, सत्य मार्ग दिखाते।
राहु देव के चरणों में, हम शीश को झुकाते।।
जय-जय राहु महाराज, जय-जय राहु महाराज।
शत्रु सभी हों परास्त, कार्य सभी सिद्ध हो जाएं।
राहु देव की कृपा से, सभी सुख-संपत्ति पाएं।।
जय-जय राहु महाराज, जय-जय राहु महाराज।