॥ रां राधायै स्वाहा ॥
जय राधा प्यारी, ब्रज की दुलारी।
श्याम संग प्यारी, राधा दुलारी॥
लाल गुलाबी रंग की सारी, सजती हो जब बृज की नारी।
बांसुरी की धुन पर नाचें, नटनागर संग मधुर वारी॥
जय राधा प्यारी, ब्रज की दुलारी…
श्याम रंग में राधा रानी, अद्भुत रूप मनोहर बानी।
प्रेम भक्ति का सागर भर दे, राधे राधे कहके गानी॥
जय राधा प्यारी, ब्रज की दुलारी…
कृष्ण प्रेम की अद्भुत लीला, राधा संग रसिक मधुबाला।
युगल रूप को देख मुग्ध सब, संत जनों का दर्शन भाला॥
जय राधा प्यारी, ब्रज की दुलारी…
आरती जो कोई गावे, राधा रानी प्रसन्नता लावे।
कहत शिवानंद स्वामी, सुख सम्पत्ति घर में पावे॥
जय राधा प्यारी, ब्रज की दुलारी।
श्याम संग प्यारी, राधा दुलारी॥