II ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः। II
ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।
तुमको निशदिन सेवत, हर विष्णु विधाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
ब्रह्माणी, रुद्राणी, कमला तू ही है।
सूर्य चंद्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाते॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
दुर्गा रूप निरंजनि, सुख सम्पत्ति दाता।
जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
तुम ही हो जग माता, तू ही हो जग दाता।
मनवांछित फल पावत, सेवत नर-नारी॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता।
खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
शुभ गुण मन्दिर सुन्दर, क्षीरोदधि-निवासिनि।
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई नर गावे।
हितकारक सुखसंपत्ति, घर में सब पावे॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।
तुमको निशदिन सेवत, हर विष्णु विधाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥