॥ क्रीं कालिकायै नमः ॥
जय काली कल्याणी, मैया जय काली कल्याणी।
तुम बिन कौन हरे दुःख, मेरी माँ अन्धियारी॥
तुम मेरी रक्षा करो, महाकाली माँ।
बाधा हरो, बाधा हरो, दुर्गा काली माँ॥
तुम सब पीर हरो, जग की शीर हरो।
भक्तों के दुखड़े दूर करो॥
महाकाल की अवतारी, भवसागर की तारी।
हे शीतल वारी, जय काली कल्याणी॥
सिंह वाहिनी माँ काली, तुम सबकी पाली।
रक्षा करो माँ अम्बे, माँ दुर्गा काली॥
दासी मैं तेरी बनकर, तेरे द्वार खड़ी हूँ।
दर्शन की आशा में, नैन बिछाए खड़ी हूँ॥
जय काली कल्याणी, मैया जय काली कल्याणी।
जो तुमको ध्यावे, वो पार पावे॥