गीता की सीख

जब जब इस धरती पर पाप, अहंकार और अधर्म बढ़ेगा, तो उसका विनाश कर पुन: धर्म की स्थापना करने हेतु, में अवश्य अवतार लेता रहूंगा।

गीता की सीख

जीवन ना तो भविष्य में है और ना ही अतीत में है,जीवन तो केवल इस पल में है अर्थात इस पल का अनुभव ही जीवन है।