Chalisa

श्री लक्ष्मी चालीसा

दोहा:

मातु लक्ष्मी करहु कृपा, करिहौं सेवक काम।
जयति जयति लक्ष्मी मइया, देहु अष्ट शुभ नाम।।

चौपाई:

जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।
तुमको निशदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता।।

ब्राह्मणी, रुद्राणी, तुम कमला रानी।
आगम निगम बखानी, तुम शुभ सुख दानी।।

जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।
तुमको निशदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता।।

तुम ही जग की माता, तुम ही हो विधाता।
तुम ही हो संतप्त हृदय की राहत।
तुम ही शांति स्वरूपा, तुम ही हो ममता।
तुमसे बड़ा न कोई, तुम हो सबकी ममता।।

जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।
तुमको निशदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता।।

तुम हो धन की देवी, तुम हो सुख की सागर।
तुम ही तो अमृत हो, तुम्हीं तो जग की भोग्य।।
तुमसे ही संसार है, तुमसे ही उजाला।
तुम हो हर जन की आशा, तुम हो जीवन का सहारा।।

जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।
तुमको निशदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता।।

तुम ही सुंदरी माता, सब गुणों की गाथा।
तुमको ही पूजा जाता, सब मनोकामना को पाता।।
तुम हो दुख हरने वाली, तुम ही हो कृपा दाता।
तुमसे ही हर सुख मिलता, तुमसे ही हर संकट कटता।।

जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।
तुमको निशदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता।।

जो कोई स्तुति गावे, लक्ष्मीजी को ध्यावे।
मनवांछित फल पावे, संकट दूर हटावे।।
ध्यान धरें जो लक्ष्मी माता, उनपर कृपा बरसाती।
जीवन में सफलता पाता, सब संकट दूर भगाती।।

दोहा:

माता लक्ष्मी की कृपा, हो सबके सिर पर।
जीवन में हो सुख-शांति, न हो कोई कष्ट भारी।।

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